अगर संकल्प पक्के हो तो,
मुश्किल कोई काम नही।
जब तक काम पुरा नही हों,
तब तक कोई विश्राम नही।
पर्वत आये राहों मे तो,
जरा भी नही घबराना तुम।
कुचल देना उसे पैरो से तुम,
बस आगे बढ़ते जाना तुम।
जग मे कुछ भी असंभव नहीं,
जो चाहो मिल सकता हैं।
अटल किनारे नदियों के भी,
तुम चाहो मिल सकता हैं।
गर्म रेत में कमलो के दल भी,
जब चाहो उग सकता हैं।
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